दिल्ली हमारे देश की राजधानी के साथ ही केंद्रशासित प्रदेश भी है। यह ऐतिहासिक तौर पर भी बहुत प्राचीन है। इसी कारण से यहां कई महत्वपूर्ण जगहें हैं जिन्हें आपको देखना चाहिए, और इस ब्लॉग में हम आपको इन जगहों के बारे में बताएंगे।
लाल क़िला (Red Fort)
“लाल क़िला” 1648 में बनाया गया था और यह दिल्ली का सबसे अधिक दर्शनीय स्थल माना जाता है। इसे 2007 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। भारतीय स्वतंत्रता दिवस को पहली बार यहीं मनाया गया था और हर साल स्वतंत्रता दिवस पर यहां भारतीय झंडा लहराया जाता है। आप लाल क़िले को देखकर समझ सकते हैं कि प्राचीन कारीगरी और किले कैसे बनाए जाते थे और किस प्रकार के डिज़ाइन में बनते थे। आप यहां आने के लिए दिल्ली में किसी भी जगह से ऑटो, बस, और मेट्रो का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन भीड़ के कारण, मैं आपको सार्वजनिक परिवहन का ही इस्तेमाल करने की सलाह दूंगा। अपनी गाड़ी से आने पर कई बार यहां जाम में भी फँस सकते हैं, यहाँ आपको पार्किंग की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।
इंडिया गेट (India Gate)
“इंडिया गेट” 42 मीटर ऊंचा है और यह दिल्ली के केंद्र में स्थित है। इसे “अखिल भारतीय युद्ध स्मारक” के रूप में जाना जाता है। यहां हम अपने 70,000 भारतीय सेना के जवानों को याद करते हैं, जिन्होंने पहले विश्व युद्ध में ब्रिटिश सेना के खिलाफ लड़ते हुए अपनी जानें गवा दी थी। आप यहां आकर अपने देश के सेना की शहादत को याद कर सकते हैं, और यहां आकर आपको उनके नाम देखकर भावनाओं में बह जाने का अनुभव होगा। अगर आप यहां शाम को आएं, तो यहां पर खूबसूरत घूमने के अवसर हैं। शाम को आप यहां पर दिखाए जाने वाले प्रकाश प्रदर्शन को भी देख सकते हैं, जो सात बजे से शुरू होता है और 9.30 बजे तक चलता है। यदि आप यहां हैं, तो आप राष्ट्रपति भवन भी देख सकते हैं, वो बिल्कुल सामने है और आप पैदल ही राष्ट्रपति भवन तक जा सकते हैं।
कुतुब मीनार (Qutub Minar)
“कुतुब मीनार” विश्व की सबसे ऊंची इमारत है। इसकी ऊँचाई 73 मीटर है और इसमें 379 सीढ़ियाँ हैं जो गोलाकार में हैं। आप कुतुब मीनार को बस बाहर से ही देख सकते हैं। अंदर जाने की अनुमति अब नहीं है क्योंकि 1981 में एक भयानक हादसे की वजह से लोगों में भयंकर भगदड़ फैल गया था और इस भगदड़ में कई लोगों की जानें गई थी। यह दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। आप इसकी वास्तुकला की वजह से इसे देख सकते हैं, यह लाल ईंटों से बनी है और इसकी दीवारों पर आपको हिन्दू मंदिर और जैन सर्कल की चीन भी मिल सकती है। इसे दिल्ली के सुलतानों की धार्मिक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी माना जाता है।
लोटस मंदिर (Lotus Temple)
“लोटस मंदिर” एक कमल के फूल के आकार का है और यह दिल्ली के महत्वपूर्ण आध्यात्मिक स्थलों में से एक है। यह सभी धर्मों के लोगों के लिए एक सामान्य आध्यात्मिक स्थल के रूप में माना जाता है। इसका निर्माण 1986 में हुआ था। यहां विशेष ध्यान और आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है जो लोगों को आत्म-विकास और आत्म-प्रेम की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।
गुरुद्वारा बंगला साहिब (Gurudwara Bangla Sahib)
गुरुद्वारा बंगला साहिब सत्रहवीं शताब्दी में राजपूत शासक राजा जय सिंह के एक बंगले के रूप में था, इस बंगले में गुरु हर राय के यहाँ निवास करने की याद में नाम को बदल दिया गया । जिसके बाद में गुरुद्वारा बंगला साहिब के रूप में प्रसिद्ध हुआ। गुरुद्वारा बंगला साहिब अपने धार्मिक महत्व के साथ-साथ अपनी शानदार वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध है। यह भवन सिख वास्तुकला में बना हुआ है। इस गुरुद्वारे के आसपास आपको खाने-पीने के कई विकल्प मिलेंगे, यहां एक भारी भीड़ दर्शन को आती है और इसके आसपास भी बहुत भीड़ होती है। इसलिए आपको यहाँ पहुँचने के लिए सार्वजनिक परिवहन का ही उपयोग करने की कोशिश करें।
यहां पर हमने सिर्फ़ इन 5 जगहों के बारे में ही बताया है जहाँ पर भारी संख्या में लोग घूमने के लिए आते हैं। इसके अलावा, आप जंतर मंतर, जामा मस्जिद, लोधी बाग, पुराना क़िला, हुमायूँ का मकबरा, अग्रसेन की बावड़ी, और अक्षरधाम जैसी जगहों को भी देख सकते हैं।