टॉस जीतकर इंग्लैंड ने पहले बॉलिंग का फैसला लिया। लेकिन उनका ये फैसला उनके बैटिंग खिलाड़ियों ने गलत साबित कर दिया। जॉनी बेयरस्टो ने 31 गेंदों में 30 रन बनाए और डेविड मलान ने 25 गेंदों में 28 रन बनाए थे पहले विकेट गिरने से पहले 45 रन बना लिए थे। डेविड मलान के आउट होते ही विकेट का गिरना शुरू हो गया। एक के बाद एक विकेट गिरते चले जा रहे थे। बेन स्टोक्स ने थोड़ी पारी संभाली और 73 गेंदों में 43 रन बनाए। लेकिन उनकी तूफानी पारी खेलने के चक्कर में वो गलत शॉट खेल कर आउट हो गए। इंग्लैंड की टीम पहले से ये सोच कर आई थी कि हालात कैसे भी हो वो तेजी से रन बनाएंगे। और ये सोच उनकी पिच पर दिखी। लगातार विकेट गिरने के बाद भी कोई खिलाड़ी रुक कर खेलने नहीं चाह रहा था। और इसी सोच के चलते पूरी टीम सिर्फ 33.2 ओवर में 156 रन बनाकर आउट हो गई। उपभोक्ता इंग्लैंड टीम से ऐसी उम्मीद नहीं थी।
बात श्रीलंका की बोलिंग की करें तो उनकी बोलिंग शानदार रही, उपविजेता को 156 पर आउट कर देना अपने आप में बहुत बड़ी बात थी। लाहिरु कुमारा को 3 विकेट मिला। आंजेलो मैथ्यूज और कसुन राजिथा को भी 2-2 विकेट मिला। महीश ठीक्षणा को भी 1 विकेट मिला।
टीम श्रीलंका की शुरुआत थोड़ी लड़खड़ाई और उनके भी 2 विकेट 23 रन पर गिर जाने के बाद भी मैच जीतना आसान बना रहा क्योंकि उन्हें बहुत कम रनों को चेस करना था। पथुम निसांका ने 83 गेंदों में 77 रन बनाए और सदीरा समराविक्रमा ने 54 गेंदों में 65 रन बनाकर नॉट आउट रहकर टीम को जीता दिया। 24.4 ओवर में ही श्रीलंका ने 157 रन बना लिए और एक आसान जीत अपने नाम दर्ज कर ली।
इंग्लैंड की बोलिंग की बात करें, तो सिर्फ डेविड विली को 2 विकेट मिले और अन्य किसी बोलर ने विकेट नहीं लिए।
इंग्लैंड की ऐसी हार किसी ने भी सोचा नहीं होगा। गत उपविजेता टीम की ऐसी हालत होगी ये सोच से भी परे बात है। लेकिन ये क्रिकेट है, यहाँ कुछ भी हो सकता है। यह आज इस मैच में साबित हुआ। इंग्लैंड टीम का खेल उनको हार का जिम्मेदार बनाता है। क्योंकि जहाँ उन्हें रुक कर खेलना चाहिए था, वहां बिना सोचे समझे बस बैट घुमा रहे थे