टॉस जीतकर इंग्लैंड ने बोलिंग करने का फैसला लिया लेकिन उनका ये फैसला साउथ अफ्रीका ने अपनी बैटिंग की जोर पर ये गलत साबित कर दिया। क्विंटन डी कॉक भले 4 रन बनाकर ही आउट हो गए। रीजा हेंड्रिक्स ने 75 गेंदों में 85 रन बनाए। रासी वैन डे डुसेन ने भी 61 गेंदों में 60 रन बनाए। इस मैच के कप्तान रहे ऐडेन मार्क्रम ने 44 गेंदों में 42 रन बनाए। फिर आये हेनरिक क्लासेन और उन्होंने एसे पारी खेली कि इंग्लैंड के बोलरों की हालत खराब हो गई। 67 गेंदों में तबादला 109 रन बनाए। उनके साथ ड्यूओ मार्को यांसन ने भी तुफानी पारी खेली और 42 गेंदों में 75 रन बनाए। साउथ अफ्रीका ने टोटल 50 ओवर में 7 विकेट खोकर 399 रन बनाकर इंग्लैंड के सामने रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया।
इंग्लैंड टीम की बोलिंग की बात करें, तो रीस टॉपली को 3 विकेट मिले। गस अटकिंसन और आदिल रशीद को भी 2-2 विकेट मिले। लेकिन इंग्लैंड के बोलरों ने काफी रन दिए।
400 रन के जवाब में उतरी इंग्लैंड टीम से कोई भी लंबी पारी नहीं खेल सका। यहाँ तक कि कोई भी खिलाड़ी 50 रन भी व्यक्तिगत रूप से नहीं बना सका। सिर्फ मार्क वुड ने 17 गेंदों में 43 रन बनाए। और पूरी टीम ने 22 ओवर में ही 170 रन पर आल आउट हो गई।
दक्षिण अफ्रीका की बोलिंग की बात करें, उनकी बोलिंग काफी शानदार थी, जिसने टीम को 22 ओवर में ही आल आउट कर दिया। जेरल्ड कोएट्जी को 3 विकेट मिले, लुंगी एनजिडी और मार्को यांसन को 2-2 विकेट मिले, कगिसो रबाडा और केशव महाराज को भी 1-1 विकेट मिला।
यह जीत दक्षिण अफ्रीका के लिए बहुत बड़ी है, जबकि इंग्लैंड के लिए यह कई शर्मनाक हारों में से एक है। 229 रनों से हार जानकर और पूरी टीम को 22 ओवर में आउट हो जाना यह साबित करता है कि इंग्लैंड ने 400 रनों को कैसे चेस करना है, उसके लिए कोई प्लान बी नहीं था। कोई भी खिलाड़ी नहीं रुका, सभी ने अपने विकेट गवा दिए और चले गए। अब इस मैच से दोनों टीमों पर किस तरह का परिणाम पड़ता है, वो हमें आने वाले मैचों में जरूर दिखेगा। हम दक्षिण अफ्रीका को इस जीत पर बधाई और उम्मीद करते हैं कि इंग्लैंड अगले मैच में फिर से वापसी करेगी।