मैच बारिश की वजह से कुछ समय के लिए रुका था, और बारिश की वजह से 43 ओवर का फैसला किया गया था। टॉस जीतकर दक्षिण अफ्रीका ने बोलिंग करने का फैसला लिया। उनका यह फैसला कुछ समय के लिए सही साबित हुआ। ओपनर विक्रमजीत सिंह मात्र 2 रन बनाकर आउट हो गए। टीम के 22 पर पहला विकेट गिरा, और 24 पर दूसरा विकेट। 112 रन तक 6 विकेट गिर चुके थे। ऐसा लग रहा था कि टीम 200 रन के पार नहीं कर पाएगी, लेकिन स्कॉट एडवर्ड्स की 69 गेंदों में 78 रन की पारी ने रोलोफ वैन डेर मर्वे के 19 गेंदों में 29 रन और आर्यन दत्त के 9 गेंदों में ताबड़तोड़ 23 का योगदान करके टीम का स्कोर 43 ओवर में 8 विकेट पर 245 बन चुका था, जो एक अच्छा स्कोर था।
दक्षिण अफ्रीका बाउलिंग की बात करें, लुंगी एंगिडी ने 2 विकेट लिए, मार्को जैंसेन और कगिसो रबाडा ने भी 2-2 विकेट लिए। जेराल्ड कोट्झी और केशव महाराज को भी 1-1 विकेट मिला।
245 रन का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका टीम का पहला विकेट सिर्फ 36 रन पर ही गिरा, क्विंटन डे कॉक का। उन्होंने 22 गेंदों में 20 रन बनाए। कप्तान टेम्बा बावुमा भी 31 गेंदों में 16 रन बनकर आउट हो गए। विकेट लगातर गिरते रहे। सिर्फ डेविड मिलर ने ही 52 गेंदों में 43 रन और केशव महाराज ने 37 गेंदों में 40 रन बनाए। बाकी कोई भी खिलाड़ी 40 के पार रन नहीं बना सका और पूरी टीम 42.5 ओवर में केवल 207 रन बनाकर ऑल आउट हो गई।
श्रीलंका टीम की बोलिंग की बात करें तो दिलशन मदुशंका ने 3 विकेट लिए और दुनिथ वेलालेज ने 1 विकेट लिया।
नीदरलैंड की बोलिंग की बात करें, लोगन वैन बीक ने 3 विकेट लिए, पॉल वैन मीकरेन ने 2 विकेट लिए। रोलोफ वैन डेर मरवे और बास डे लीड ने भी 2-2 विकेट लिए। कॉलिन एकरमैन को भी 1 विकेट मिला।
दक्षिण अफ्रीका की हमेशा से जोकर वाली स्थिति रहती है। शुरुआत में वह बहुत ही मजबूत टीम के रूप में आती है। लेकिन ऐसे जगह और ऐसे टीमों से मैच हार जाती है। जिसका यकीन करना क्रिकेट प्रेमियों के बस की बात नहीं होती है। इतनी अच्छी टीम होने के बाद ऐसे मैच हारने की वजह से ही दक्षिण अफ्रीका को कार्ड में जैसे जोकर की मूल्य होती है उनकी भी ऐसी ही मूल्य आंकी जाती है। वैसे बात करें तो अब तक एक ही मैच हारा है दक्षिण अफ्रीका ने और हम उम्मीद करते हैं कि दक्षिण अफ्रीका मजबूती से कमबैक करेगी।