ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और बॉलिंग का फैसला लिया। दक्षिण अफ्रीका ने जबरदस्त पारी खेली, जिसमें क्विंटन डे कॉक ने 106 गेंदों में 109 रन बनाए, कप्तान तेम्बा बवुमा ने 55 गेंदों में 35 रन बनाए। रसी वैन डेर दुसेन ने 30 गेंदों में 26 रन, ऐडन मार्क्रम ने 44 गेंदों में 56 रन, हेनरिच क्लासेन ने 27 गेंदों में 29 रन, मार्को जांसेन ने 22 गेंदों में 26 रन बनाए। और कुल टीम का स्कोर 50 ओवर में 7 विकेट खोकर 311 रन बना।
बोलिंग की बात करें तो, ऑस्ट्रेलिया की ओर से ग्लेन मैक्सवेल ने 2 विकेट, मिचल स्टार्क ने 2 विकेट, जॉश हेजलवुड ने 1 विकेट, पैट कमिंस और एडम जैम्पा ने भी 1-1 विकेट लिए।
बनाए। रसी वैन डेर दुसेन ने 30 गेंदों में 26 रन, ऐडन मार्क्रम ने 44 गेंदों में 56 रन, हेनरिच क्लासेन ने 27 गेंदों में 29 रन, मार्को जांसेन ने 22 गेंदों में 26 रन बनाए। और कुल टीम का स्कोर 50 ओवर में 7 विकेट खोकर 311 रन बना।
बोलिंग की बात करें तो, ऑस्ट्रेलिया की ओर से ग्लेन मैक्सवेल ने 2 विकेट, मिचल स्टार्क ने 2 विकेट, जॉश हेजलवुड ने 1 विकेट, पैट कमिंस और एडम जैम्पा ने भी 1-1 विकेट लिए।
ऑस्ट्रेलिया की प्रारंभिक पारी बहुत ही कमजोर रही, 2 विकेट पर 27 रन पर मिचल मार्श और डेविड वॉर्नर गिरे, तीसरे विकेट पर स्टीव स्मिथ 50 रन पर गिरे, और 139 रन तक ऑस्ट्रेलिया के 7 विकेट गिर चुके थे। टोटल टीम ने 177 रन पर ही आउट हो गई, 40.5 ओवर में। यह दक्षिण अफ्रीका के लिए एक महत्वपूर्ण और यादगार जीत थी।
दक्षिण अफ्रीका के बोलिंग की बात करें तो, कागिसो रबाडा ने 3 विकेट, केशव महाराज ने 2 विकेट, मार्को जांसेन और तबराइज शम्सी ने 2-2 विकेट लिए, लुंगी एनजीडी ने भी 1 विकेट लिया।
ऑस्ट्रेलिया की अच्छी शुरुआत नहीं हो रही है विश्वकप मैचों में, और यह वाकई उनके प्रशंसकों के लिए चिंताजनक था हम आशा करते हैं कि ऑस्ट्रेलिया की टीम अपने नाम के अनुरूप आने वाले मैचों में बेहतर प्रदर्शन करेगी।